लेखनी प्रतियोगिता -28-Oct-2022 एक मिट्टी का दिया
शीर्षक-एक मिट्टी का दीप
विषय-मिट्टी
कुम्हार होता भारत की शान,
दिवाली के त्यौहार में लगाता चार चांद
मिट्टी को देता रूप हजार,
जो चाहे बन जाती आकार।
दिवाली है दीपों की रीत,
कुम्हार ने बनाया मिट्टी का दीप,
कम दाम में मिल जाते,
खरीद पाते गरीब मिट्टी के दिये।
अमावस की काली रात,
दिवाली की है बहार,
दीप जलाना हजार,
रोशन करना घर संसार।
दीपक देता हमें ज्ञान,
प्रीत का सिखाते भाव,
दीया बाती की गाते मल्हार,
जगत में सिखाते अपना राग।
तिमिर को करता दूर,
दीपक फैलाता अपना नूर,
करता पूरे जगत में रोशन,
जगत में छा जाता उल्लास।
दीपक हमें सिखाता आस,
कठिनाइयों से ना कभी हार,
सारी रात जलकर करता उजास,
करता अपना त्याग।
एक मिट्टी का दिया,
बहुत कुछ सिखाता,
हमारे ज्ञान को बढ़ाता,
इंसान को राह दिखाता।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
Khan
30-Oct-2022 12:13 AM
Bahut sundar kavita 👌🌸👍
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Suryansh
29-Oct-2022 07:23 PM
उम्दा सृजन
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Teena yadav
29-Oct-2022 06:28 PM
Very nice 👌
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